भारत में मॉनसून 2025 ने अपनी तेज रफ्तार और अप्रत्याशित बुरी घटनाओं के साथ दस्तक दी है। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से लेकर गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बाढ़ जैसी स्थितियाँ बन चुकी हैं। इस लेख में जानिए राज्य-वार अपडेट, जारी अलर्ट, राहत-कार्य और जरूरी सावधानियाँ, ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सके।
हिमाचल प्रदेश: बादल फटने का विनाश और रेस्क्यू ऑपरेशन
पिछले 24 घंटों में कुल्लू-कांगड़ा, धर्मशाला और आसपास के इलाकों में पाँच स्थानों पर अचानक बादल फटने की घटनाएँ दर्ज हुईं।
- टूटे बांध, ऊँचा जलस्तर: NHPC प्रोजेक्ट क्षेत्रों के पास पानी के स्तर में अचानक उछाल आया, जिससे बांधों से पानी छोड़ने की चेतावनी जारी की गई।
- टूरिस्ट फंसे: लगभग 2,000 से अधिक पर्यटक विभिन्न घाटियों में फंस गए, जिन्हें NDRF और SDRF टीमों ने एयरलिफ्ट और टेम्पर के जरिए सुरक्षित निकालने का कार्य किया।
- जीवन-क्षति: अब तक 7 लोग लापता, 3 शव बरामद और दर्जनों घायल; प्रभावित इलाकों में मेडिकल और कोविड-19 राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं।
- बाँधों और नदियों का स्तर ट्रैक करें: प्रशासन ने आम लोगों को सलाह दी है कि वे सरकारी ऐप और सोशल मीडिया चैनल पर उपलब्ध रियल-टाइम वाटर लेवल अपडेट देखें।
गुजरात: सूरत-अहमदाबाद में बाढ़ जैसा मंजर
गुजरात में जून 2025 में रिकॉर्ड-तोड़ 17 इंच बारिश दर्ज हुई है, जो मॉनसून के औसत से 18.5% अधिक है।
- सूरत: तापी नदी का जलस्तर खतरनाक ज़ोन में पहुंच गया, कई प्रमुख सड़कें और मार्केट्स पानी में डूब गए।
- अहमदाबाद: ब्रॉडवे, साबरमती किनारे और बोगसारा एरिया में जलभराव से मेट्रो-बस सर्विसेज प्रभावित, कई लोग फंसे।
- परिवहन रुकावट: राज्य सड़क परिवहन निगम ने 200+ बस सेवाएँ अस्थायी रूप से रद्द कर दीं; लोकल लोग अब कैब-शेयरिंग या निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं।
- अलर्ट सिस्टम: मौसम विभाग ने अगले पाँच दिनों के लिए ‘ऑरेंज’ और ‘येलो’ अलर्ट जारी किया; लोगों को रेस्क्यू नंबर (1070, 108) सेव कर लेने की सलाह।
राजस्थान: 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून की बारिश जून की सीमा पूर्ण कर चुकी है, पर बलखात जारी है।
- चेतावनी: अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा समेत 30 जिलों में भारी बारिश का ‘येलो’ अलर्ट; भरतपुर, धौलपुर जैसे जिलों में ‘ऑरेंज’ अलर्ट।
- रिपोर्टेड इन्सिडेंट्स: चित्तौड़गढ़ में बिजली गिरने से एक युवक की मृत्यु, चार लोग झुलसे; बांसवाड़ा में 8 इंच बारिश से सड़कें बंद।
- खेत और फसल: अलवर, धौलपुर, बाड़मेर में खेती प्रभावित, कई किसानों को आर्थिक मदद के लिए मुआवजे का ऐलान।
- लाइव ट्रैकिंग: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (राजाप) की वेबसाइट पर जिला-वार चैटबॉट के माध्यम से मॉनिटरिंग।
मध्य प्रदेश: 15 जिलों में ‘हेवी रेन’ अलर्ट
मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सतना, बालाघाट, आलीराजपुर जैसे इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी।
- भवन गिरावट: भोपाल में एक पुराना भवन गिरने से एक व्यक्ति की मौत; सतना में पेड़ों पर बिजली गिरने से दो लोग घायल।
- डैम-लेवल मॉनिटरिंग: तवा, गोविंदसागर समेत प्रमुख जलाशयों के स्तर पर नियमित निगरानी; अनावश्यक जल-छोड़ न करने की अपील।
- राहत शिविर: प्रभावित ग्राम स्तरीय केंद्रों में खाद्य और चिकित्सा सहायता केंद्र खोले गए; NDRF टीमें सतत मुस्तैद।
- भविष्यवाणी: अगले चार दिनों में 26–29 जून तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना; हेलीकॉप्टर-बेस्ड सर्विलांस जारी।
उत्तर प्रदेश: 43 जिलों में बिजली गिरने और बाढ़ की आशंका
उत्तर प्रदेश में मॉनसून इस बार भीषण देखने को मिला है। सहरसा नदी सहारनपुर में उफान पर, ट्रैक्टर फंसा, 3 लोग रेस्क्यू।
- 43 जिलों में अलर्ट: लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, सौहार्द्र के कई इलाकों में ‘येलो’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट।
- घटना विवरण: सहारनपुर में पुलिया टूटने से 12 गाँवों का संपर्क टूटा; झांसी, सोनभद्र में आवागमन बाधित।
- बिजली गिरना: वाराणसी और कानपुर में आकाशीय बिजली गिरने से 5 घायल; बिजली विभाग ने ग्रिड स्थिर करने के लिए बंद पॉइंट बढ़ाए।
- बड़ा पैमाना रेस्क्यू: NDRF, SDRF और राज्य पुलिस नदियों के किनारे बोट तेजियों से चलाकर फंसे लोगों को निकाल रही।
सावधानियाँ और सुरक्षा उपाय
- स्थानीय म्युनिसिपल अलर्ट फॉलो करें: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और राज्य आपदा प्राधिकरण के अपडेट देखें।
- जरूरी किट तैयार रखें: प्राथमिक चिकित्सा, अधिक पोटेबल पानी, रियायती खाद्य पैकेट और पावर बैंक साथ रखें।
- उच्च क्षतिग्रस्त इलाकों से दूर रहें: नदी किनारे, पुल, पुराने भवनों के नीचे न जाएँ।
- बिजली गिरने पर सावधानी: ऊँचे पेड़ों या टूटे तारों से दूरी बनाए रखें; घर के अंदर खिड़की से दूर रहें।
- रेस्क्यू नंबर सेव करें: 1070 (NDMA), 108 (EMS) और 112 (राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा)।
निष्कर्ष
मॉनसून 2025 ने हमें दिखा दिया है कि प्रकृति कितनी ताकतवर है। हिमाचल प्रदेश के बादल फटने से लेकर गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक फैले खतरे ने तैयारियां और बचाव-कार्य को चुनौतिपूर्ण बना दिया है। समय रहते अलर्ट फॉलो करना, सरकारी दिशानिर्देशों का पालन एवं जरूरतमंदों की मदद करना ही सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है।
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